Saturday, February 27, 2016

आ जइयो मोरे सांवरे


आज सुबह आपने पंडित कुमार गन्धर्व की एक दुर्लभ रेकॉर्डिंग का एक अंश सुना था. उसी में से एडिट करके एक और ज़बरदस्त पीस. इसे पंडिज्जी के सुपुत्र मुकुल शिवपुत्र ने भी गाया है और कबाड़खाने पर सुना जा सकता है.

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