Sunday, October 18, 2015

इस चेहरे की याद है?


केन केसी के उपन्यास पर आधारित 1975 में आई फ़िल्म ‘वन फ़्लू ओवर द कुकूज़ नेस्ट’ को जैक निकल्सन के बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है. इस फिल्म को पांच एकेडमी अवार्ड्स हासिल हुए थे. छः फुट सात इंच लम्बे क्रीक मूल के विल सैम्पसन ने इसमें एक अविस्मरणीय भूमिका निभाई थी. इस फिल्म को देखने वाले रेंडल मर्फ़ी के दोस्त चीफ़ ब्रोमडेन के तौर पर उनका काम कभी नहीं भूल सकते.

बहुत कम लोग जानते हैं कि विल सैम्पसन मूलतः एक सफल घुड़सवार थे और अमेरिका के रोडियो सर्किट में करीब बीस साल तक काम करते हुए ख़ासा नाम कमा चुके थे. जब ‘वन फ़्लू ओवर द कुकू’ज़ नेस्ट’ के लिए उन्हें चुना गया तो उन्हें अभिनय का ज़रा भी अनुभव नहीं था. करीब दस फिल्मों में उन्होंने उसके बाद काम किया लेकिन जाना उन्हें  कुकूज़ वाले रोल के लिए ही जाता है. ‘फिशहॉक’ और ‘क्रेज़ी मामा’ उनकी अन्य उल्लेखनीय फ़िल्में रहीं.

यह बात भी बहुत कम लोग जानते हैं कि विल एक ठीकठाक चित्रकार भी थे. ओकलाहामा के क्रीक काउन्सिल म्यूजियम में उनकी बनाई कई पेंटिंग्स आज भी प्रदर्शित हैं. 1983 में उन्होंने अमेरिका के मूल निवासी इंडियंस की कला को संरक्षित रखने के लिए अमेरिकन इन्डियन रजिस्ट्री फ़ॉर परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स की स्थापना भी की थी.

विल सैम्पसन कहते थे कि उन्होंने अभिनय उसी तरह सीखा जिस तरह वे काऊबॉयज़, और इन्डियन और वेस्टर्न लैंडस्केप्स के चित्र बनाने की तैयारी किया करते थे. उन्हें शोध करना पसंद था. ‘वन फ़्लू ओवर द कुकूज़ नेस्ट’ में काम करना भी उन्होंने उपन्यास को पढ़ने के बाद ही स्वीकार किया था. अपनी पेंटिंग्स की बाबत उन्होंने एक बार कहा था : “मैंने सभी महान इन्डियन चीफ़्स के पोर्ट्रेट बनाए हैं और मैं उनके बारे में तकरीबन हरेक चीज़ जानता हूँ.


बचपन में

क्लिंट ईस्टवुड स्टारर 'द आउटलॉ जोसे जोन्स' में 
सैम्पसन को स्क्लेरोडर्मा नाम की बीमारी थी जिसने फकत 53 साल की आयु में उनके प्राण ले लिए. देखिये उनकी कुछ पेंटिंग्स.









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