Saturday, June 20, 2015

पर झूठ के तो पांव थे - एदुआर्दो गालेआनो का गद्य - 4

गालेआनो का गद्य - 4

अनुवादः शिवप्रसाद जोशी

एदुआर्दो गालेआनो लातिन अमेरिका की ऐतिहासिक और समकालीन यातना को दुनिया के सामने लाने वाले लेखक पत्रकार हैं. वे जितना अपने पीड़ित भूगोल के दबेकुचले इतिहास के मार्मिक टीकाकार हैं उतना ही भूमंडलीय सत्ता सरंचनाओं और पूंजीवादी अतिशयताओं के प्रखर विरोधी भी. उनका लेखन और एक्टिविज़्म घुलामिला रहा है. इसी साल 13 अप्रेल को 74 साल की उम्र में कैंसर से उनका निधन हो गया.


प्रस्तुत गद्यांश एडुआर्दो गालेआनो की किताब, मानवता का इतिहास, मिरर्स (नेशन बुक्स) से लिया गया है. हिंदी में इसका रूपांतर गुएर्निका मैगज़ीन डॉट कॉम से साभार लिया गया है. अंग्रेज़ी में इनका अनुवाद मार्क फ़्राइड ने किया है.

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4.
कम्प्यूटर के पिता

एलन ट्यूरिंग की खिल्ली उड़ाई जाती थी कि वो कड़ियल इंसान नहीं है, ही मैन सरीखे नहीं है जिसके सीने पर बाल हों.

बेल्ट की जगह वो एक पुरानी नेकटाई लगाते थे. बामुश्किल सोते थे और कई कई दिन तक शेविंग नहीं करते थे. और वो शहर में एक छोर से दूसरे छोर तक भागते ही रहते थे, दिमाग भी दौड़ता रहता था, जटिल गणितीय सूत्रों को हल करने में.

ब्रिटिश खुफ़िया विभाग के लिए काम करते हुए, दूसरे विश्व युद्ध की अवधि कम करने में उन्होंने भी मदद की थी. उन्होंने एक मशीन का आविष्कार किया था जो जर्मन हाईकमान के अबूझ सैन्य कोड को क्रैक कर सकती थी.
उस मोड़ पर पहुंचने से पहले ही वो इलेक्टॉनिक कम्प्यूटर के प्रोटोटाइप के बारे में सोच चुके थे. और आज के सूचना तंत्रों की सैद्धांतिक ज़मीन भी तैयार कर चुके थे. बाद में, इंटिग्रेटेड प्रोग्रामों की मदद से चलने वाले पहले कम्प्यूटर का निर्माण करने वाली टीम की उन्होंने अगुवाई की थी.

वो उसके साथ कभी न ख़त्म होने वाली शतरंज की बाज़ियां खेलते थे और उससे ऐसे सवाल पूछते कि मशीन के नटबोल्ट हिल जाएं. उन्होंने ज़ोर दिया को वो उन्हे प्रेमपत्र लिखे, इस पर मशीन ने कुछ ऐसे संदेश निकाले जो समझ से परे थे.

1952 में आला दर्जे की अशालीनता के लिए उन्हें मानचेस्टर पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया.

होमोसेक्सुअल होने का मुक़दमा उन पर चला.

जेल से निकलने के लिए उन्हें इस लगाव के चिकित्सकीय इलाज के लिए हामी भरनी पड़ी. दवाओं की बमबारी ने उन्हें नपुंसक कर दिया, उनकी छातियां उग आईं. वो कमरों में बंद हो गए, यूनिवर्सिटी फिर कभी नही गए. उन्होंने अपने बारे में फुसफुसाहटें सुनी, नज़रों को अपनी पीठ पर गढ़ा हुआ महसूस किया.

बिस्तर पर जाने से पहले उनकी एक सेब खाने की आदत थी.

एक रात उन्होंने सेब में साइनाडड का इंजेक्शन भर दिया. 

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