Tuesday, July 15, 2014

ट्रिक ये है कि आपने सब कुछ जानना चाहिए - कादर ख़ान का एक लंबा साक्षात्कार - 10


(पिछली क़िस्त के आगे)

कॉनी हाम – दर्शकों को बांधे रखने की ट्रिक क्या है.

कादर ख़ान – ट्रिक ये है कि आपने सबको जानना चाहिए. आपने सब कुछ जानना चाहिए. आपको हरफनमौला होना होता है. अगर आप एक बढ़ई हैं तो आपको सबसे अच्छी लकड़ी छांटना आना चाहिए, उसे सलीके से काटना आना चाहिए, उसने सारी उपलब्ध स्पेस को घेरना चाहिए, और डिजाइन भी उम्दा होना होगा. डिजाइनिंग और एकोमोडेशन – ये हैं स्क्रिप्ट लेखन के उपकरण. कभी कभी आप सब कुछ अकोमोडेट करना चाहते हैं और वह किसी बक्से जैसा दिखने लगता है. चीज़ का अच्छा दिखना भी ज़रूरी है.

कॉनी हाम – आपको कैसे पता लगता है कि आपने सही लाइन लिखी है?

कादर ख़ान – प्रतिक्रिया के बाद. कभी कभी ऑडीटोरियम में आपको ऐसी लाइनों पर प्रतिक्रियाएं सुनने को मिल जाती हैं कि उनके बारे में आपने कभी सोचा तक नहीं होता. और कई बार जब आपको लगता है कि ये लाइन दर्शकों में धमाल मचा देगी तो कुछ होता ही नहीं. तीन तरह की प्रतिक्रियाएं होती हैं.  पहली आपकी प्रतिक्रिया, दूसरी डायरेक्टर की और तीसरी ऑडीएन्स की. तीन प्रतिक्रियाओं के अपने अपने इलाके होते हैं, तीन मुख्तलिफ ज़खीरे होते हैं. आपने तीनों ज़खीरों की सैर करना होती है. यह एक काल्पनिक संसार होता है.

मानवीय वाणी


मैंने थियेटर से क्या सीखा? – एक अभिनेता के लिए, जब वह स्टेज पर आता है. यही बात सबसे ज़रूरी होनी चाहिए. उसकी एंट्री असाधरण होनी चाहिए. और कुछ आवाजें होनी चाहिए ताकि ऑडीएन्स का दिमाग कहीं और भी लगा रहे. आखिर एक इंसान इंसान ही हो सकता है. तो ऑडीएन्स का ध्यान भटकाया जाना चाहिए. तब जब वह बोलता है, उसका हर शब्द आख़िरी आदमी तक पहुंचना चाहिए. और अभिनेता एक गायक भी होता है. एक गायक अपने गानों के बोल गाता है. अभिनेता अपने डायलॉग्स की पंक्तियों को गाता है. उसको डायलॉग्स की शक्ल में गीत को गाना होता है. उसकी आवाज़ कानों को मीठी लगनी चाहिए. मैंने ये एनालिसिस किया है कि मर्द की आवाज़ में थोड़ी सी गूँज और गरज होनी चाहिए, थोड़ा सा बेस होना चाहिए, थोड़ी सी नेज़ल होनी चाहिए. ये कॉम्बिनेशन जो है , ये साउंड को ऐसा बना देती है जैसे कि किसी गुम्बद के अन्दर कोई घुँघरू गिरा हो. एक गुम्बद की तरह! आप एक घुँघरू गिराते हैं. जो साउंड पैदा होती है और उसकी गूँज, ... वैसी आवाज़ होनी चाहिए जो अभिनेता के मुंह से बाहर निकले.तो जब आप  उस टोन में बोलेंगे तो सुनने वाले मन्त्र मुग्ध हो जाएंगे. तब वे आपकी परफॉरमेंस के बारे में भूल जाएंगे क्योंकि शब्द बड़ी ताकतवर चीज़ है. और अगर एक्टर के बोलने में डायलाग डिलीवरी में ताकत है तो वह दर्शकों को अपनी आवाज़ से बाँध सकता है. और अगर उसके पास अच्छी भाव भंगिमाएं हैं, चेहरे का अच्छा एक्सप्रेशन है और स्टाइल भी है, तो वह तमाम ऑडीएन्स को अपने घर ले के जा सकता है.     

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