Tuesday, March 12, 2013

ओरहान वेली का "झांसा"



झाँसा


मैं उबर चुका एक पिछली मोहब्बत से:
अब खूबसूरत हैं सारी स्त्रियाँ,
बिलकुल नई मेरी कमीज़,
मैंने नहाया
और दाढ़ी बनाई.
अब शांति है
हवा में वसंत,
धूप.
मैं सड़क पर हूँ; लोग प्रसन्न हैं;
मैं भी प्रसन्न हूँ. 

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