Sunday, March 27, 2011

द ऑटम ऑफ़ द पेट्रियार्क -२

(पिछली किस्त से आगे)

(अपनी पत्नी मेरसेदेज़ और बेटों के साथ गाबो, १९६० का दशक)

क्या यह पारागुए का डॉक्टर फ्रांसिया नहीं था जिसने बीस साल के ऊपर के हर आदमी को शादी करने का आदेश जारी किया था?

हां, उसने पूरे देश को चारों ओर से वैसे ही बंद कर दिया था जैसे आप अपने घर को बंद करते हैं सिवाय एक खिड़की के जहां के रास्ते डाक भीतर आ सके. वह इतना विख्यात दार्शनिक था कि कार्लाइल के ख्याल से वह अध्ययन किये जाने लायक था.

क्या वह थियोसोफिस्ट था?

नहीं, एल साल्वाडोर का माक्सीमिलियानो हेर्नोन्देज मार्टीनेज था थियोफिस्ट. उसने एक बार महामारी से लड़ने के लिये देश भर की स्ट्रीट लाइटों को लाल कागज से ढंकवा दिया था. हेर्नोन्देज मार्तीनेज ने एक पेण्डुलम का आविष्कार किया था जिसे वह अपने भोजन के ऊपर लटका कर यह पता करता था कि खाने में जहर तो नहीं मिलाया गया.

और गोमेज़-वेनेज़ुएला का हुआन विसेन्टे गोमेज़?

गोमेज के पास असाधारण इंट्यूशन थी.

वह तुम्हारी किताब के तानाशाह की तरह अपनी मृत्यु की घोषणा करवाता था और फिर जीवित प्रकट हो जाया करता था. खैर, जब मैंने ‘द ऑटम ऑफ द पैट्रिआर्क’ को पढ़ा था, मेरे भीतर हुआन विसेन्टे गोमेज़ के व्यक्तित्व और नाक-नक्श की छवि बनी थी. क्या यह सिर्फ मेरा सोचना है या किताब लिखते हुए तुम भी गोमेज़ के बारे में सोच रहे थे?

मेरी पहली मंशा सारे लातीन अमरीकी तानाशाहों, खासतौर पर कैरिबियाई तानाशाहों की एक सिंथेसिस तैयार करना थी. लेकिन गोमेज़ का व्यक्तित्व बहुत मजबूत था और मैं उसके प्रति बहुत आकृष्ट था, इसलिये मेरी किताब के तानाशाह में औरों से कहीं ज्यादा उसी के तत्व पाये जाते हैं. वैसे भी दोनों की मेरे मन में जो वास्तविक छवि है वह एक ही है. इसका यह मतलब नहीं कि वह किताब का पात्र है-यह उसकी छवि भर है.

उतनी किताबें पढ़ने के बाद तुमने पाया कि तानाशाहों में कई समानताएं होती हैं. उदाहरण के लिए क्या यह एक तथ्य नहीं है कि वे सारे विधवाओं के बेटे थे? इस बात को तुम कैसे समझाओगे?

मेरे ख्याल से शुरू से ही मैंने इस बात को पाया कि उनकी जिंदगियों में उनकी माताओं का प्रभाव सबसे गहरा था और एक मायने में वे सारे शुरूआत से ही पितृहीन थे. निश्चय ही मैं सबसे महत्वपूर्ण तानाशाहों की बात कर रहा हूं-उनकी नहीं जिनके लिये सब कुछ पहले से ही तैयार था और सत्ता उन्हें उत्तराधिकार में मिली थी. वे बिल्कुल फर्क थे-वे बहुत कम संख्या में थे और साहित्यिक दृष्टिकोण से वे किसी काम के नहीं थे.

तुमने कहा है कि तुम्हारी सारी किताबों का प्रस्थान बिन्दु एक विजुअल इमेज होता है. ‘द ऑटम ऑफ द पैट्रिआर्क’ में यह कौन सी इमेज है?

गायों से भरे एक महल में अकल्पनीय रूप से बूढ़े एक नितान्त अकेले तानाशाह की इमेज.

तुमने मुझे कभी बतलाया था या शायद चिट्ठी में लिखा था कि किताब की शुरूआत तुम एक बूढ़े तानाशाह से करोगे, जिस के ऊपर एक स्टेडियम में मुकदमा चल रहा हो. मेरे विचार से यह इमेज बातिस्ता के जनरलों में से एक सोसा ब्लान्को के मुकदमे से प्रेरित थी जिसे क्रान्ति की सफलता के बाद हम दोनों ने हवाना में देखा था. मेरे ख्याल से तुमने किताब को दो दफे शुरू किया और छोड़ दिया. क्या हुआ था?

जैसा मेरी सारी किताबों के साथ है-संरचना एक बड़ी समस्या होती है. लम्बे समय तक, जब तक मैं उसे सुलझा नहीं लेता मैं किताब शुरू नहीं करता. हवाना की उस रात सोसा ब्लान्को के मुकदमे के दौरान मुझे ख्याल आया कि इस किताब की सर्वश्रेष्ठ संरचना के लिए मौत की सजा पाए एक बूढ़े तानाशाह का एकालाप (मोनोलॉग) उचित रहेगा. पर बाद में मैंने ऐसा न करने का फैसला किया. सबसे पहले तो यह कि इतिहास में ऐसा नहीं हुआ था. वे तानाशाह या तो अपने पलंगों पर बूढ़े होकर मरे या उन्हें मार डाल दिया या वे देश छोड़कर भाग गए. उनमें से किसी ने भी मुकदमे का सामना नहीं किया. दूसरी बात यह थी कि मोनोलॉग के कारण किताब एक ही दृष्टिकोण और एक ही भाषा पर सीमित रह जाती - तानाशाह के.

मैं जानता हूँ कि तुम काफी समय से ‘ऑटम ऑफ द पैट्रिआर्क’ पर काम करते रहे थे जब तुमने ‘वन हंड्रेड इयर्स ऑफ सॉलीट्यूड’ लिखने के लिए उसे किनारे रख दिया था. तुमने ऐसा क्यों किया? एक किताब को छोड़कर दूसरी शुरू करना असामान्य है.

मैंने उसे किनारे इसलिए रखा कि मैं बिना यह जाने उस पर काम कर रहा था कि मैं कर क्या रहा हूँ - परिणामतः मैं उस पर काबू नहीं कर पा रहा था. ‘वन हंड्रेड इयर्स ऑफ सॉलीट्यूड’ एक कहीं अधिक पुराना और अकसर छोड़ दिया गया प्रोजेक्ट था जो अचानक एक विस्फोट की तरह प्रकट हुआ जब मैंने उसकी पहेली का खोया हुआ सूत्र खोज लिया- सही स्वर. इसके अलावा, ऐसा पहली बार नहीं हुआ था सन 1955 में पेरिस में मैंने ‘इन इविल आवर’ को छोड़ कर ‘नो बडी राइट्स टु द कर्नल’ लिखना शुरू किया था, जो एक बिल्कुल दूसरे तरह की किताब थी और जो मेरे भीतर इतना गहरे धँस गई थी कि मुझसे आगे नहीं बढ़ा जा रहा था. लेखक के रूप में मैं उन्हीं मापदण्डों को ध्यान में रखता हूँ जैसे एक पाठक के रूप में जब किसी किताब से मेरी रूचि खत्म हो जाती है मैं उसे परे रख देता हूँ. दोनों ही मामलों में एक उचित क्षण होता है जब आप उस से फिर रू-ब-रू हो पाते हैं.

अगर तुमसे अपनी किताब को एक वाक्य में परिभाषित करने को कहा जाय तो वह परिभाषा क्या होगी?

ताकत के एकाकीपन के बारे में एक कविता.

इसे लिखने में इतना वक्त क्यों लगा?

क्योंकि मैंने इसे एक कविता की तरह लिखा - शब्द-शब्द कर के, शुरूआत में मुझे कुछ पंक्तियाँ लिखने में हफ्ते लग जाते थे.

तुमने इस किताब में तमाम स्वतंत्रता ली है. शब्द-संयोजन के साथ, समय के साथ, भूगोल के साथ और जैसा लोग कहते हैं इतिहास के भी साथ. पहले शब्द-संयोजन के बारे में बताओ. बड़े-बड़े पैराग्राफ हैं बिना पूर्ण विराम के या अर्ध विराम के, जिनमें तमाम दृष्टिकोण बुने गए हैं. चूँकि तुम्हारी किताबों में कोई भी चीज़ अकारणनहीं होती. इस तरह की भाषा इस्तेमाल करने का क्या उद्देश्य था?

कोशिश करो इस किताब को एकरेखीय संरचना में देखने की. यह लगातार और ज्यादा उबाऊ होती चली जाएगी -जितनी अभी है उससे भी. लेकिन इसकी चक्करदार संरचना से मुझे समय को सघन करने की छूट मिलती है और साथ ही कहानी के कई आयामों को सूक्ष्म रूप में शामिल करने की भी, वहीं जो मल्टिपल एकालाप हैं वह कई गैर शिनाख्तशुदा आवाजों को भी आने देते हैं, जैसा वास्तविक इतिहास में होता है. उदाहरण के लिए उन विराट कैरिबियाई षड्यंत्रों के बारे में सोचो जिनके अन्तहीन रहस्य हर किसी को मालूम हैं. खैर, यह मेरी किताबों में सबसे प्रयोगधर्मी किताब है और काव्यात्मक जोखिम के तौर पर यह आज भी मेरे भीतर दिलचस्पी पैदा करती है.

तुम समय के साथ भी स्वतंत्रताएँ लेते हो.

हाँ, बहुत. तुम्हें याद है, एक दिन सुबह जागने पर तानाशाह देखता है कि हर किसी ने लाल रंग के बोनेट पहने हुए हैं वे उसे बताते है कुछ बेहद अजनबी लोग...

चीड़ के गुलामों की पोशाक पहने हुए

चीड़ के गुलाम की पोशाक पहने हुए....लाल बोनेटों के बदले सब कुछ दे रहे हैं (इगुआना के अंडे, मगरमच्छ की खालें, तम्बाकू और चॉकलेट). तानाशाह अपनी खिड़की खोल कर बाहर देखता है - क्रिस्टोफर कोलम्बस के तीन जहाज, नाविकों द्वारा छोड़े गए युद्धपोत के बगल में खड़े हैं. तुम देख सकते हो कि ये दो ऐतिहासिक तथ्य (कोलम्बस का पहुँचना और नाविकों का उतरना) किसी भी कालक्रम का अनुसरण नहीं .मैंने जानबूझ कर इस तरह की स्वतंत्रताएँ ली हैं समय के साथ.

और भूगोल के साथ

हाँ, भूगोल के साथ भी. निस्संदेह जो तानाशाह है वह एक कैरेबियाई देश का है लेकिन वह अंग्रेजी भाषी कैरिबियन और स्पानी कैरिबियन का मिश्रण है. तुम जानते हो मैंने द्वीप दर द्वीप, शहर कैरिबियन को देखा है - वही सारा मैंने इस किताब में डाल दिया है. सबसे पहले मैंने अपने कैरिबियन को रखा है. वह रण्डीखाना जहाँ मैं बारान्कीया में रहा था; मेरे छात्र जीवन का कार्तागेना; बंदरगाह से लगे शराबखाने जहाँ मैं चार बजे सुबह अखबार का काम खत्म कर के खाना खाया करता था, यहाँ तक कि भोर के समय वैश्याओं से लदे, कुरासाओं और अरूबा की तरफ जाते जहाज. गलियाँ है जो पनामा की काइये देल कोमेरसियो से मिलती-जुलती हैं. पुराने हवाना के नुक्कड़ हैं या सान हुआन या ला गुआइरा के लेकिन ऐसी जगहें भी हैं जो इंडियनों, डचों और चीनियों वाले ब्रिटिश कैरिबियन की याद दिलाती हैं.

(जारी)

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

सर्वथा नये संदर्भों से परिचय।