Tuesday, September 29, 2009

बीटल्स का देहरादून



१९ अक्टूबर २००७ को मैंने 'बीटल्स' के मुख्य गायक गिटारिस्ट जॉर्ज हैरिसन का गाया 'देहरादून ' पेश किया था. तब से अब तक संगीत अपलोड करने वाले कई सारे टोटके आजमाने के बाद अब जाकर डिवशेयर नाम की साइट लम्बे समय से मुफ़ीद पाई जा रही है.

इस तरह संगीत अपलोड करने वाली कई साइट्स बन्द हो गई हैं और पहले की कई पोस्ट्स पर लगा संगीत अब सुना नहीं जा सकता. आज सुबह एक मित्र ने इस मुतल्लिक शिकायत की सो आज इसी गीत को दोबारा लगा देने में मुझे कोई बुराई नज़र नहीं आ रही.

ब्रिटिश रॉक और पॉप बैन्ड 'बीटल्स' की स्थापना जॉन लेनन, पॉल मैकार्टनी, जॉर्ज हैरिसन और रिन्गो स्टार द्वारा १९६० में लिवरपूल में की गई थी. बीटल्स को लोकप्रिय संगीत के इतिहास के सबसे सफल समूहों में गिना जाता है.
इस बैन्ड के सदस्य आत्मिक शांति की खातिर ऋषिकेश बहुत आया जाया करते थे। प्रस्तुत गीत उसी दौर का है।

गीत के बोल प्रस्तुत हैं :



Dehra, Dehra dun,
Dehradun, dun
Dehra Dehra, dun , Dehradun dun
Dehradun

Many roads can take you there many different ways
One direction takes you years another takes you days
Dehra, Dehra dun, Dehradun, dun
Dehra Dehra, dun , Dehradun dun
Dehradun

Many people on the roads looking at the sights
Many others with their troubles looking for their rights

Dehra, Dehra dun, Dehradun, dun
Dehra Dehra, dun , Dehradun dun
Dehradun

See them move along the road in search of life devine
..........................
Beggers in a goldmine

Dehradun, Dehradun dun, Dehradun,
Dehradun dunDehradun, Dehradun dun
Dehradun

Many roads can take you there many different ways
One direction takes you years another takes you days

Dehradun, Dehradun dun, Dehradun,
Dehradun dunDehradun, Dehradun dun
Dehradun

3 comments:

VIMAL VERMA said...

बीटल्स को सुनना अपने आप में गज़ब अहसास है..सही बात बोलें तो इलाहाबाद में हमने बीटल्स को खूब सुना,अंग्रेज़ी समझने में दिमाग का खर्चा-पानी बहुत बढ़ जाता था..तो कुछ मित्र इसके अनुवाद कर कर के समझाया करते थे...और समझने के बाद बीटल्स को और सुनने का मन करता.... बहुत बढिया कम्पोजीशन सुनाई है आपने,जबसे सुना है देहरादून को अब गुनगुनाने में आनन्द आ रहा है, अशोक जी प्लेयर का कुछ न कुछ तो करना ही होगा,देखिये न मेरी तो पुरानी सारी पोस्ट से ऑडियो तो उड़ ही गया है,अब कोई भी भूले भटके सर्च करके उस रचना तक पहुँचता है तो उसे निराशा ही हाथ आती है, अब मैं पुरानी रचनाओं मे फिर से नये प्लेयर से जोड़ने के बारे में सोच रहा हूँ,और भी कोई बढिया प्लेयर है आपकी नज़र में?

Surya Prakash Yadav said...

सचमुच एक सुखद अनुभव होता है, जब हम बीटल्स को सुनते है..... देहरादून सुनाने के लिए धन्यवाद्.....

गौतम राजऋषि said...

wow...!